Lucknow News: सरकारी दफ्तरों से राजनेताओं की फोटो हटाने का निर्देश..

इस दौरान शासकीय कार्यालयों में देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की तस्वीर लगी रह सकती है।

विनीत कुमार द्विवेदी, ब्यूरो यूपी।

राजधानी लखनऊ : लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता लागू हो गई है। जिसके चलते 19 मार्च को चुनाव आयोग अपर मुख्य सचिव जितेन्द्र कुमार ने सरकारी दफ्तरों से राजनेताओं की फोटो हटाने का निर्देश दिया है। इस निर्देश के अनुसार आचार संहिता के चलते समस्त शासकीय कार्यालय से राष्ट्रपति और राज्यपाल के अतिरिक्त सभी राजनेताओं की फोटो हटाई जाए। चुनाव आयोग के नियम के अनुसार चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद ही कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो जाता है। इसमें कहा गया है कि सभी तरह की वॉल राइटिंग, पोस्टर, पेपर, होर्डिंग, बैनर हटाया जाना जरूरी है।

वेबसाइट से भी हटाए गए राजनेताओं के फोटो

आचार संहिता लागू होते ही चुनाव आयोग और प्रशासन एक्शन के मूड में आ गया था। लोकसभा चुनाव की घोषणा के अगले दिन रविवार था, जिसके चलते सोमवार को विभाग ने सरकारी विभागों, निगम और बोर्ड की वेबसाइट से नेताओं की फोटो हटवाने की कार्यवाही की। साथ ही शहर की दीवारों से राजनीतिक पार्टियों के पोस्टर भी हटवाए गए।
निर्देशों का पालन न होने पर कार्रवाई

आचार संहिता लागू होने के बाद सभी तरह की राजनीतिक पार्टियों के पोस्टर हटाया जाना जरूरी है। लोकल बॉडी को 48 घंटे, जबकि प्राइवेट प्रॉपटी से पोस्टर-बैनर हटाने के लिए 72 घंटे का समय दिया जाता है। इसके साथ ही चुनाव आयोग के नियम के अनुसार सीइओ, डीईओ को ये पावर दी गई है कि 24 घंटे के भीतर यदि इन निर्देशों का पालन नहीं होता है, तो कार्रवाई की जा सकती है।
ऑफिशियल वेबसाइट पर योजनाओं का बखान प्रतिबंधित

साथ ही बता दें कि 2 जनवरी, 2024 को चुनाव आयोग की ओर से ये निर्देश जारी कर दिए गए थे। प्रदेश सरकार की किसी भी ऑफिशियल वेबसाइट पर सरकार की उपलब्धियों या योजनाओं का बखान करने पर प्रतिबंध है। इसमें किसी कोड ऑफ कंडक्ट के बीच किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम करने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।



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